जनता दल (यूनाइटेड) की विचारधारा

March 3, 2023

जनता दल (यू0) गांधी, लोहिया, जयप्रकाश और आम्बेदकर की विचारधारा पर चलती है। भारत के संविधान में हमारी आस्था और समाजवाद, धर्म निरपेक्षता एवं लोकतंत्र के सिद्धान्तों में विश्वास है। गांधीवादी सिद्धान्तों तथा स्वतंत्रता आन्दोलन के मूल्यों, आदर्शों एवं परम्पराओं से प्रेरणा लेकर देश की एकता अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित रखने के लिए हम कृतसंकल्प हैं। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के महापुरूषों के विचारों, आदर्शों और मूल्यों की जो राजनीतिक विरासत है, उसी की बुनियाद पर जद (यू0) का गठन हुआ है। महात्मा गांधी ने हमें आजादी दी, डॉ लोहिया और जे0पी0 ने उस आजादी की रक्षा करने और उसकी उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए संघर्ष का रास्ता दिखाया तथा डॉ आम्बेडकर ने उस लोकतंत्र को बचाने के लिए संविधान का रक्षा-कवच दिया। राजनीति के उसी रास्ते पर पार्टी चल रही है। जनता दल (यू0) समावेशी तथा न्याय के साथ विकास मॉडल को लेकर चल रही है, जिससे बिहार में समावेशी विकास हो रहा है और यही मॉडल देश में समाज के अंतिम व्यक्ति को विकास का लाभ दिला सकता है। जनता दल (यूनाइटेड) की राजनीति का यही लक्ष्य है जो लोकतांत्रिक और समाजवादी विचारधारा की बुनियाद पर खड़ा है। हमारा मंत्र सुशासन (कानून का राज) है।

 

  1. B) History of party: जनता दल (यूनाइटेड) का गठन जनता दल , लोक शक्ति और समता पार्टी के के विलय के साथ हुआ था । 30 अक्टूबर 2003 को स्व. जॉर्ज फर्नांडीस और श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया । विलय की गई इकाई को जनता दल (यूनाइटेड) कहा गया, जिसमें जनता दल का तीर चिन्ह और समता पार्टी का हरा और सफेद झंडा मिलकर जनता दल (यूनाइटेड) का चुनाव चिन्ह बना।

समाजवादी विचारधारा के वाहक के रूप में समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान सुनिश्चित करते हुए जदयू का निरंतर प्रसार होता गया। अल्प अवधि में जदयू ने बिहार सहित अन्य राज्यों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवायी। बिहार, झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश की जनता ने जदयू को लेकर समावेशी विकास के लिए अपना भरोसा व्यक्त किया। पिछले वर्ष देश के 75 लाख लोगों ने जदयू की सदस्यता लेकर समाजवादी विचारधारा की मजबूती और विस्तार के लिए संकल्पित हुए।

जदयू बिहार में 2005 से लगातार सरकार के रूप में प्रतिनिधित्व कर रही है। जिसके साथ ही पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए केंद्र के विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी का निर्वहन कर देश के विकास में अपना योगदान दिया।

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